मुर्शिदाबाद (एजेंसी)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों से संबंधित झड़पों के कारण एक पिता और पुत्र सहित तीन लोगों की जान चली गई। हाल की रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि ये हिंसक प्रदर्शन मुर्शिदाबाद से दूसरे क्षेत्रों में फैल गए हैं, जिससे पूरे राज्य में व्यापक चिंता पैदा हो गई है। कई परिवार, जिनमें ज़्यादातर हिंदू हैं, मुस्लिम बहुल इलाके को छोड़कर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सहायता से सुरक्षा की तलाश में चले गए हैं।
वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ 11 अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद के समसेरगंज-धुलियान से पलायन करने वाले लोगों के लिए मालदा के पार लालपुर में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है। राहत शिविर में रह रहे केशव मंडल ने कहा कि हम शनिवार 12 अप्रैल को यहां आए थे। हमारे घर का सब कुछ जल गया। हमें नहीं पता कि स्थिति कब सामान्य होगी और हम वापस कब जा पाएंगे। हमारे आस-पास के गांवों से लोग आज ही यहां आए हैं।
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राहत शिविर में रह रही रूपा मंडल ने कहा कि हमें यहां आए हुए 4 दिन हो गए हैं। हमारा पूरा घर आग के हवाले कर दिया गया। हम दोपहर का खाना खा रहे थे और अचानक कुछ लोग अंदर घुस आए और लूटपाट और हमला करना शुरू कर दिया। बीएसएफ के जवान हमें यहां राहत शिविर में ले गए। हमें अपने घर के लिए मुआवजा चाहिए। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 400 से 500 लोग 60 किलोमीटर पैदल या गंगा पार करके स्कूल में शरण ले चुके हैं। विस्थापित परिवारों को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें यकीन नहीं है कि वे कभी घर लौट पाएंगे या नहीं।