राजस्थान। 22 नवम्बर। राजस्थान के झुंझुनू जिला मुख्यालय स्थित बीडीके अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा एक जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर उसका पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसके वापस जिंदा होने का मामला सामने आया है।
जानकारी के अनुसार झुंझुन जिला के बगड़ क्षेत्र में स्थित मां सेवा संस्थान में रह रहे मूक बधिर युवक रोहिताश को गुरुवार को 1 बज कर 30 मिनिट पर बीडीके अस्पताल लाया गया. जहां पर सीपीआर देने और फ्लैट ईसीजी आने पर चिकित्सकों ने रोहिताश को मृत घोषित कर मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया जहां उसका दो चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम कर शाम 5 बजकर 5 मिनट पर शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
इसके बाद परिजन उसे अंमित संस्कार के लिए ले गए परन्तु वहां उसकी सांस चलने लगी जिसके बाद उसे पुनः शाम 6 बज कर 24 मिनिट पर बीडीके अस्पताल लाया गया, जहां पर उसे आईसीयू में शिफ्ट किया गया. यही नहीं चिकित्सकों द्वारा बरती गई इस घोर लापरवाही के बाद अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई है, जिसमें चिकित्सकों ने रोहिताश की मृत्यु के कारणों का भी उल्लेख किया है।
जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने बताया कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी अस्पताल के पीएमओ द्वारा उन्हें सूचना नहीं दी गई और उन्हें सारे मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक द्वारा लगी। इसके बाद चिकित्सा विभाग ने अस्पताल की चिकित्सकों की घोर लापरवाही मानते हुए देर रात को बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर संदीप पचार, चिकित्सा अधिकारी मेडिसिन डॉ. योगेश जाखड़ और डॉ. नवनीत मील को निलंबित कर दिया है।