पुरी। पुरी के जगन्नाथ मंदिर में हाल ही में घटी एक अद्भुत घटना ने ना केवल भक्तों को चमत्कृत किया, बल्कि इसे एक दिव्य संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है. बाज ने मंदिर के शिखर पर लगे ध्वज को अपने पंजों में पकड़ा और उसे उड़ाकर अपने साथ ले गया. ध्वज को ले जाने से पहले बाज या गरूण ने मंदिर की परिक्रमा भी की। क्या यह सिर्फ एक चमत्कारी घटना है, या यह किसी बड़े दिव्य परिवर्तन का संकेत है? इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
विदित हो कि जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर पतितपावन बाना (ध्वज) का विशेष धार्मिक महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब ध्वज किसी असामान्य तरीके से हिलता है, तो यह भगवान के आशीर्वाद और आध्यात्मिक परिवर्तन के संकेत के रूप में माना जाता है. यह घटना एक बड़े बदलाव या दिव्य विजय का संकेत हो सकती है.
गरुड़ देवता, जिन्हें भगवान विष्णु का वाहन और पक्षियों का राजा माना जाता है, उनका महत्व हिंदू धर्म में अत्यधिक है. जब बाज द्वारा ध्वजा को उड़ाकर ले जाने और ध्वज सहित मंदिर की परिक्रमा करने की घटना हुई तो इसे देखकर लोग रोमांचित हो गए।
राज्य में अब पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया हुई आसान, राज्य स्तर पर लाइसेंस की अनिवार्यता खत्म
अपने ही देश में बन गए रिफ्यूजी, हमारा सब कुछ जल गया, मुर्शिदाबाद हिंसा में प्रभावित लोगों का दर्द
जिस हॉस्पिटल से बच्चा चोरी हो, उसका लाइसेंस निलंबित हो: सुप्रीम कोर्ट
मान्यता है कि मंदिर के ऊपर से कोई पक्षी नहीं उड़ता है, क्योंकि स्वयं गरुड़ वहां मौजूद है. धार्मिक मान्यता के अनुसार जब भी ध्वज और पक्षी किसी विशेष स्थिति में होते हैं, तो इसे एक दिव्य संकेत और भविष्यवाणी के रूप में देखा जाता है. महाभारत, रामायण, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में ऐसी घटनाओं का जिक्र है, जहां ध्वज और पक्षी भगवान के आशीर्वाद, विजय और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक माने गए हैं.
see Video