जगदलपुर। 18 जनवरी। एजेंसी। भारत के कुछ हिस्सों में सक्रिय नक्सली लगता है फिलिस्तीन में सक्रिय हमास को काफी फॉलो कर रहा है इसका नमूना गढ़चिरौली के जंगलों में मिला है. छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में 12 नक्सली मारे गए. इसके बाद जब सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया तो एक बड़ी सुरंग मिली चौंकाने वाली बात यह है कि इस सुरंग में माओवादियों ने पूरा ठिकाना बना रखा था. इस जगह पर एक घातक हथियार तैयार किया जा रहा था. मतलब हथियान बनाने की फैक्ट्री तक लगा रखी थी।
गढ़चिरौली जिले के सिरोंचा तालुका की सीमा से लगे भोपालपटनम के बंदे पारा जंगल में सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में माओवादी मारे गए. इस मुठभेड़ सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. जवानों ने माओवादियों द्वारा बनाई गई एक बड़ी सुरंग को भी ढूंढ़ निकाला, जिसमें माओवादियों ने ठिकाने के साथ-साथ बम और घातक हथियार बनाने की फैक्ट्री भी लगा रखी थी।
मुठभेड़ के बाद शुक्रवार को जवानों द्वारा इस इलाके का सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया. इस दौरान तुमरे और पेलपुरी नदी के बीच माओवादियों की एक बड़ी सुरंग मिली है. जेल में हथियारों का बड़ा जखीरा और विस्फोटक बनाने की सामग्री और विस्फोटक बम बनाने के उपकरण मिले हैं. अब जानकारी सामने आ रही है कि इस सुरंग का इस्तेमाल दंडकारण्घ्य में चारों राज्यों के नक्सली कर रहे थे. नई तकनीक का इस्तेमाल कर इस क्षेत्र में जवानों पर हमला करने की साजिश रची गई थी।
इस सुरंग में पता चला कि नक्सली बीयर की बोतलों के कांच के टुकड़ों का इस्तेमाल विस्फोटक के साथ बम बनाने में कर रहे थे। इस सुरंग में हथियार बनाने की मशीन भी पाई गई. साथ ही इसमें तार, अन्य तकनीकी सामग्री, पानी के बम भी मिले. इस जगह पर माओवादियों का बड़ा डंप सामान मिला है. जवानों ने माओवादियों की इस सुरंग को खोदकर खोज निकाला है। इस सुरंग का इस्तेमाल माओवादी बम बनाने के लिए करते थे. इस जगह से बड़ी संख्या में हथियार मिले हैं। इसे माओवादियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।