अम्बिकापुर। 29 दिसम्बर। सत्ता की मलाई चाटने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार कुछ बिन पेंदी के लोटों ने एक बार फिर से अपनी औकात दिखाते हुए कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा सरकार में पैर जमाने के लिए शहर में मंत्री जी को बधाई देते हुए अपनी फोटो लगवाई है जिसे देखकर भाजपाई ही नहीं कांग्रेसी भी दंग हैं।
पहले 15 साल के भाजपा सरकार में दीमक की तरह घुसकर सरकारी तंत्र को चूसने के बाद सरकार बदलते ही पाला बदलकर कांग्रेस नेताओं के आगे-पीछे घूमने का काम शहर के कुछ कथित युवा और ठेकेदार टाईप के नेताओं ने शुरू कर दिया है इनमें से कुछ नेता तो बस्तर तक बत्तीसी दिखाने पहुंच गए थे। इन्हें बस सरकार से मतलब है परन्तु खुद की ना तो कोई विचारधारा और ना ही कोई इज्जत।
इन नवधनाढ्य नेताओं को तो यह भी पता नहीं है कि बूथ में काम कैसे होता है और किस प्रकार से मतदान के समय कार्यकर्ताओं को परिश्रम करना पड़ता है बेचारा कार्यकर्ता सरकार बनवाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा देता है और सरकार बनने के बाद ऐसे बिन बुलाए मेहमान नेता-मंत्रियों के पीछे-पीछे ऐसे घूमते हैं कि वे ही मंत्री के सबसे खासमखास हैं।
इन पिछलग्गुओं की एक खासियत और है जैसे ही ये किसी भी नेता की नाव डूबो देते हैं और तत्काल दूसरे सत्ताधारी नेता को पकड़ लेते हैं और फिर उसकी खाट खड़ी करने में लग जाते हैं जिसमें ये सफल भी रहते हैं। पार्टी में वाकई में तन-मन से पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं की तो पूछ-परख घट जाती है जब कुछ काम करने की बात आती है तो असली कार्यकर्ता पीछे रह जाते हैं और दलबदलुओं को ही सारा जिम्मा मिल जाता है।
नेता-मंत्री भी ऐसे 420 दलबदलूओं को ही खास बना लेते हैं जिससे धीरे-धीरे कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती जाती है और अंत में नेताजी की वही दुर्गति होती है जो इस चुनाव में पूरे संभाग में कांग्रेस की हुई और इससे पूर्व के चुनाव में भाजपा की हो चुकी है।
कुछ तो इतने ढीठ हो चुके हैं कि अगर नेता-मंत्री इन लोगों की सार्वजनिक बेइज्जती भी करके इन्हें भगा दें तो भी ये दूसरे दिन फिर से प्रकट होकर दांत दिखाने लगते हैं पूर्व में भी कुछ लोगों को मंत्रियों द्वारा भगाया गया था परन्तु इसके बाद भी ये लोग पुनः मंत्री के आसपास मंडराते ही रहते हैं तथा सोाशल मीडिया में फोटो डालकर खुद को बड़ा चहेता साबित करने में लगे रहते हैं।
इस बार भी शहर में ऐसे युवा नेता और बड़े भैया लोगों के होर्डिंग्स लगने शुरू हो गए हैं जो मंत्री के आगमन पर ऐसे बधाई दे रहे हैं जैसे इनके ही प्रयासों से आज प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो पाया है और प्रदेश में सत्ता बदलने से ये काफी खुश हैं परन्तु असल में सत्ता बदलने का ज्यादा दुख ऐसे ही दलबदलुओं को रहता है क्योंकि 5 साल तक जिस नेता के पीछे-पीछे घूमकर अपनी भरपूर बेईज्जती कराने के बाद ये लोग अधिकारियों के बीच थोड़ी बहुत पहुंच बना पाते हैं उसके लिए उन्हें फिर से उतनी ही बेइज्जती करवानी पड़ेगी तब कहीं जाकर उनका कोई काम हो पाएगा।
अब इस बार सत्ताधारी दल के नेता मंत्री अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की सुनते हैं कि चार दिन पूर्व पार्टी में आकर जी हजूरी करने वाले इन दलबदलुओं की यह कुछ ही समय में दिखने लग जाएगा।