काठमांडू, (एजेंसी)। नेपाल में अधिकारियों ने शनिवार को कर्फ्यू हटा लिया, जो काठमांडू के पूर्वी इलाकों में सुरक्षा बलों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद लगाया गया था। शुक्रवार को तिनकुने इलाके में शुरू हुई अशांति ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई और लोगों की जानें गईं।
विरोध काठमांडू हवाई अड्डे के पास तिनकुने पार्क इलाके में शुरू हुआ, जहाँ राजशाही समर्थक एकत्र हुए और राजशाही की बहाली और हिंदू राज्य की स्थापना के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की वापसी की मांग की, जिन्होंने लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर राजशाहीवादियों के बीच एकता की अपील की थी।
इसे भी पढ़ें….
नागरिकों के लिए अपनी भाषा में शिकायतें दर्ज करवाना होगा आसान
मुठभेड़ में 16 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों को फिर मिली बड़ी सफलता
दोपहर 3 बजे के आसपास तनाव बढ़ गया जब प्रदर्शनकारियों ने निर्धारित विरोध क्षेत्र से आगे बढऩे का प्रयास किया। सुरक्षा बलों ने हस्तक्षेप किया, जिससे हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने गोलीबारी की, जिसमें कम से कम एक प्रदर्शनकारी घायल हो गया। जवाब में, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए और सड़कों पर उतर आए, इमारतों में तोडफ़ोड़ की और एक वाणिज्यिक परिसर और एक निजी समाचार चैनल के कार्यालय में आग लगा दी। इस झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक पत्रकार को जिंदा जला दिया गया, और दो राजशाही समर्थक शामिल थे।