अम्बिकापुर। 31 जनवरी। सर्किट हाउस के एक कमरे में कब्जा जमाकर उसे अपने पिताजी की संपति समझकर वहां आए दिन हुडदंग करने वाले कुछ कथित पत्रकारों जिन्हें पत्तलकार कहना ही सही रहेगा, को दो दिन पूर्व एक अधिकारी ने उसी कमरे में जमकर धुना, अपनी हरकत के कारण मार खाए इन पत्तलकारों के पास अब मुंह छुपाकर घुमने के अलावा और कोई चारा भी नहीं बचा है कि ये हंगामा करें।
सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिला मुख्यालय में घटित इस घटना की इन दिनों पूरे संभाग में चर्चा हो रही है। सूत्रों ने बताया कि सूरजपुर के सर्किट हाउस के एक कमरे में कुछ असामाजिक तत्वों की तरह रहने वाले तथाकथित पत्रकारों द्वारा आए दिन शराब पार्टी की जाती थी तथा उनकी हरकतों का विरोध करने पर वहां के कर्मचारी को धमकाने से भी ये पत्तलकार बाज नहीं आते थे।
दो दिन पूर्व जब एक प्रशासनिक अधिकारी यहां देर शाम पहुंचे तो हंगामा कर रहे पत्तलकारों को देखकर कर्मचारी से इन हुड़दंगियों को कमरा अलाट होने के संबंध में पूछताछ की जिसपर कर्मचारी ने बताया कि इन लोगों ने इस कमरे में एक प्रकार से कब्जा कर रखा है और मना करने पर भी नहीं मानते हैं जिसके बाद अधिकारी ने उक्त कमरे में घुसकर इन पत्तलकारों को जमकर धुना और वहां से खदेड़ दिया। मार खाकर बाहर खड़े इन पत्तलकारों ने ही अपने साथ घटी घटना के बारे में कुछ अन्य साथियों को बताया परन्तु इनकी हरकत के कारण इनके समर्थन में कोई भी वहां नहीं पहुंचा।
इस घटना की सूरजपुर ही नहीं पूरे संभाग में चर्चा हो रही है तथा अधिकारी द्वारा दिखाई गई हिम्मत के लिए उक्त अधिकारी की भी लोग प्रशंसा कर रहे हैं क्योंकी समाज को दीमक की तरह चाट रहे इन पत्तलकारों के कारण सही व कर्मठ पत्रकारों को भी अब लूटेरों की तरह ही देखा जाने लगा है और पत्रकारिता की साख भी खराब हो चुकी है। ऐसे अन्य पत्तलकारों को भी इसी तरह से पीटने की आवश्यकता है जिससे पत्रकारिता की क,ख,ग भी नहीं जानने वाले ये दीमक पत्रकारिता से दूर हों तथा ऐसे कथित पत्रकारों के कारण कलंकित हो रही पत्रकारिता फिर से अपना सम्मान प्राप्त कर सके।