प्रतापपुर। 23 सितम्बर।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के लोलकी चट्टीपारा में वन विभाग की अधिकारियों की मिलीभगत से हजारों पेड़ों की अवैध कटाई जोरों से जारी है। अवैध रूप से पेड़ों की कटाई कर सीमावर्ती क्षेत्र से लकड़ी की तस्करी की जा रही है पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर वन भूमि पर कब्जा करने की होड़ मची हुई है। ग्रामीणों ने इसमें वन विभाग के रेंजर सहित अन्य कर्मचारियों की मिली भगत का गंभीर आरोप लगाया है।
प्रतापपुर वन परिक्षेत्र के में वन विभाग की घोर लापरवाही और उदासीनता के कारण जंगलों की अवैध कटाई जोरों पर है। वन परिक्षेत्र अंतर्गत कई अलग-अलग जगहों पर जंगल को काटकर लोग अवैध रूप से वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। जिसे वन विभाग द्वारा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। वन परिक्षेत्र के रेंजर अपने निवास पर नहीं रहते और न ही बीट गार्ड को इससे कोई लेना देना है जिसके लापरवाही के वजह से ही जंगलों की अवैध कटाई चरम सीमा पर है।
ग्रामीणों ने बताया की विभाग में निगरानी नहीं होने की वजह से कीमती लकड़ियों की काला बाजारी हो रही है आश्चर्य की बात है कि लगातार वनों की कटाई का मामला सामने आने के बाद भी वन विभाग मौन है जहां जिले में डीएफओ संभाग में सीसीएफ जैसे अधिकारी बैठे हुए हैं। इसके बाद भी लापरवाह अधिकारियों के ऊपर कार्रवाई नहीं हो रही है अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में प्रतापपुर क्षेत्र में भी सिर्फ ठंूठ ही ठंूठ नजर आएंगे।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग द्वारा कुछ लोगों की मिली भगत से हाईवे बनारस मार्ग के रास्ते उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश के रास्ते लकड़ी की तस्करी कराई जा रही है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पटरा, चिरान, कंडी, मोटी सिल्ली की लकड़ियों की तस्करी जोरों पर है।
वनों की अवैध कटाई पर तत्काल जांच करने टीम गठित करता हूं मौके पर जाकर जांच कार्यवाही होगी तथा वन विभाग के एसडीओ, रेंजर को नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाएगी।
पंकज कमल
डीएफओ, सूरजपुर