अम्बिकापुर। 03 जुलाई। लोकसभा चुनाव से पूर्व देश में आचार संहिता लगने से ठीक पहले सहायक प्राध्यापकों के लिए जारी हुए स्थानांतरण आदेश में अम्बिकापुर से सूरजपुर के लिए स्थानांतरित एक सहायक प्राध्यापक को दो बार कार्यमुक्त करने का आदेश जारी करने के बाद भी प्राचार्य द्वारा अब इसके लिए मार्गदर्शन मांगा जा रहा है जिससे सहायक प्राध्यापक अब भी वहीं कार्यरत हैं जहां से उनका स्थानांतरण हुआ है।
यह अजब मामला अम्बिकापुर स्थित शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय का है यहां पदस्थ सहायक प्राध्यापक डॉ0 अखिलेश कुमार द्विवेदी सहित प्रदेश के 25 सहायक प्राध्यापकों का स्थानांतरण उच्च शिक्षा विभाग रायपुर द्वारा 15 मार्च को कर दिया गया था तथा वर्तमान शैक्षणिक सत्र की परीक्षाओं की समाप्ति के बाद सभी को कार्यमुक्त करने के लिए कहा गया था।
डॉ0 द्विवेदी का स्थानांतरण अम्बिकापुर से रेवती रमण मिश्र शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर के लिए किया गया था
इस आदेश के जारी होने के बाद कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा 23 अप्रैल 2024 को आदेश जारी करते हुए उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा किये गए स्थानांतरण के अनुरूप उक्त प्राध्यापक को स्थानांतरित किये गए महाविद्यालय के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया परन्तु कागजी आदेश के बाद भी उन्हें वहां से प्राचार्य ने जाने नहीं दिया और अपने ही आदेश को दो दिन बाद 25 अप्रैल 2024 को अपरिहार्य कारण बताते हुए निरस्त कर दिया।
इसके बाद दो माह उपरांत जब देशभर से आचार संहिता हट गया तब 19 जून को उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त द्वारा स्थानांतरण आदेश के परिपालन में सभी स्थानांतरित सहायक प्राध्यापक व अन्य को तत्काल एकतरफा कार्यमुक्त करने का पत्र सभी संबंधित महाविद्यालय के प्राध्यापकों को जारी करते हुए उससे उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त कार्यालय को भी अवगत कराने के लिए कहा गया जिसपर कार्यवाही करते हुए कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा पुनः उसी दिन सहायक प्राध्यापक डॉ0 अखिलेश कुमार द्विवेदी को रेवती रमण महाविद्यालय सूरजपुर के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया।
इतना करने के बाद भी शायद प्राचार्य पद के अनुरूप जानकारी का अभाव होने के कारण कार्यमुक्ति के आदेश के दूसरे ही दिन शासकीय राजमोहिनी देवी कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 मोहम्मद खालिद हुसैन द्वारा उच्च शिक्षा संचालनालय के आयुक्त के नाम प्रेषित करते हुए उनसे स्थानांतरित सहायक प्राध्यकापक डॉ0 अखिलेश कुमार द्विवेदी के कार्यमुक्ति हेतु मार्गदर्शन मांगा गया है। वहीं पहले ही कार्यमुक्त किये जा चुके सहायक प्राध्यापक भी इस पत्र के बाद पुनः कन्या महाविद्यालय में ही आकर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं।
अब यह पूरा माजरा क्या है यह तो प्राचार्य या सहायक प्राध्यापक ही बता सकते हैं परन्तु कुछ भी हो इस मामले से उच्च शिक्षा विभाग की छीछालेदर तो हो ही रही है।
जनभागीदारी मद से 32 लाख की खरीदी की तैयारी
कन्या महाविद्यालय में सबकुछ ठीक चलता नहीं दिख रहा है यहां पदस्थ प्राचार्य जो कि आगामी एक-दो माह में सेवानिवृत्त होने वाले हैं उनके द्वारा जन भागीदारी मद से लाखों की खरीदी की तैयारी किये जाने की भी जानकारी मिल रही है वर्तमान में महाविद्यालय की जन भागीदारी समिति भंग है और समिति के अध्यक्ष का पद रिक्त है ऐसे में नियमानुसार जन भागीदारी समिति का पदेन उपाध्यक्ष कलेक्टर की अनुमति से मद को व्यय किया जा सकता है इसलिए यहां 32 लाख की लाखत से खरीदी की सूची बना ली गई है जिसमें एक दर्जन एसी, फाल सीलिंग आदि शामिल हैं जिससे छात्रों को कोई भी लाभ होता नहीं दिख रहा है।
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